माना होते हैं फौजी शहीद
जब विदेशियों से युद्ध होता हैं
हम अपनों से ही लड़ शहीद हुए
क्यों नहीं कोई कभी भी रोता हैं
बाल बच्चें सब दूर रहते हमसे
याद करके दिल बेबस सा होता हैं
दूजों की करते रक्षा रात दिन हम
अपनों की फिक्र में दिल तड़पता है
जर्जर मकानों में रह परिवार अपना
अब गिरे तब गिरे चिंता मन ढोता हैं
बात भी कभी-कभी कर नहीं पातें बीबी बच्चों से
याद में दिल अपना कभी-कभी खूब रोता हैं
ऐसे पढ़ते ऐसे खेलते होंगे बच्चें
ख्यालों में बस सोचा करते हैं
नहीं देता कोई भी अपनापन हमें
हेय दृष्टि से देखा जाता हैं हर पल
अपने बच्चें भी नहीं किसी से संभाले जाते
गुनाह हम पर ही फट से थोप जाते हैं
हमारी त्याग तपस्या नहीं समझते कोई
कीचड़ उछालने लगते हैं देखो हर कोई
फौजी भी करते बारी-बारी रक्षा देश की
यहाँ एक पर ही सारा का सारा बोझा होता हैं
कितने हाथ पैर हो हर दूजा अपराधी हैं यहाँ
हर कोई समझ के भी नासमझ हो जाता हैं
मदद करने को कोई जल्दी बढ़ता नहीं कभी
अपराधी पकड़ा जाय जल्दी बस चाहता यही
पुलिस के पास तो हैं जैसे कोई जादुई छड़ी
घुमाये झट और हाजिर मुजरिम कर दे यही
अपराध होते भी देख अनदेखी कर देते सभी
पुलिस पर ही बस दोशारोपड़ करते जाते हैं
खुद चाहे सर से नख तक हो भ्रष्टाचार में डूबा
पुलिस पर तानाकसी ना करे तो यह आठवाँ अजूबा| ...सविता मिश्रा
जब विदेशियों से युद्ध होता हैं
हम अपनों से ही लड़ शहीद हुए
क्यों नहीं कोई कभी भी रोता हैं
बाल बच्चें सब दूर रहते हमसे
याद करके दिल बेबस सा होता हैं
दूजों की करते रक्षा रात दिन हम
अपनों की फिक्र में दिल तड़पता है
जर्जर मकानों में रह परिवार अपना
अब गिरे तब गिरे चिंता मन ढोता हैं
बात भी कभी-कभी कर नहीं पातें बीबी बच्चों से
याद में दिल अपना कभी-कभी खूब रोता हैं
ऐसे पढ़ते ऐसे खेलते होंगे बच्चें
ख्यालों में बस सोचा करते हैं
नहीं देता कोई भी अपनापन हमें
हेय दृष्टि से देखा जाता हैं हर पल
अपने बच्चें भी नहीं किसी से संभाले जाते
गुनाह हम पर ही फट से थोप जाते हैं
हमारी त्याग तपस्या नहीं समझते कोई
कीचड़ उछालने लगते हैं देखो हर कोई
फौजी भी करते बारी-बारी रक्षा देश की
यहाँ एक पर ही सारा का सारा बोझा होता हैं
कितने हाथ पैर हो हर दूजा अपराधी हैं यहाँ
हर कोई समझ के भी नासमझ हो जाता हैं
मदद करने को कोई जल्दी बढ़ता नहीं कभी
अपराधी पकड़ा जाय जल्दी बस चाहता यही
पुलिस के पास तो हैं जैसे कोई जादुई छड़ी
घुमाये झट और हाजिर मुजरिम कर दे यही
अपराध होते भी देख अनदेखी कर देते सभी
पुलिस पर ही बस दोशारोपड़ करते जाते हैं
खुद चाहे सर से नख तक हो भ्रष्टाचार में डूबा
पुलिस पर तानाकसी ना करे तो यह आठवाँ अजूबा| ...सविता मिश्रा
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